Tuesday, 6 June 2023

 

पर्यावरण—

                   वृक्ष हों तो स्वच्छ हो वातावरण,

दूर कर दें छा गया जो आवरण l

“ऐक पुत्र सो वृक्ष” यही नारा हो,

हम बदल सकते तभी पर्यावरण l

 

सो वृक्षों से  तुलना  करते, होते  पुत्र  समान.

नगर प्रदूषण ही  खो देगा, मानव की पहिचान l

आज  समय  के  साथ चेतना भी  आवश्यक,

ताप बढ़ा धरती का  तो फिर, होंगे सब हैरान l

 

पर्यावरण स्वच्छ  रक्खें,  सब  पेड़ लगायें,

घर  का  कचरा एकत्रित  कर, उसे जलाएं l

गोबर, मल को  करें  इकट्ठा  खाद  बनाएं,

रहें स्वच्छ सब तो जीवन में हम सुख पायें l

 

        पेड़ नहीं काटें, सब सुन लें, पेड़ सदा सुखदायी,

        अगर काटना, लगें दस गुना, होंगे यह फलदायी |

        दूषित वायु सोख लेते हैं, प्राण वायु हम सबको देते,

        इसका लाभ उठा सकते हम, मान सको होगी भरपाई |

 

            जितने ऊँचे वृक्ष लगेंगे, उतने  लगें  सुहावन,

            करें बादलों को आकर्षित,फल मिलता है पावन |

            वर्षा  हो  भरपूर यहाँ  पर, उत्तम खेती  होगी,

            पर्यावरण स्वच्छ हो जाए, मौसम हो मन भावन |

 

        रहें प्रदूषण मुक्त फेक्टरी, ऐसे यन्त्र लगायें,

        बने नगर से दूर तभी तो, मानव सब सुख पायें |

      डीजल का उपयोग न्यूनतम, होगा यह सुख दाई,

      उचित  सलाह लगे तो मानो, चेहरे सब मुस्काएं |

 

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