श्रमित समय का अंशदान जिनका है जीवन,
सहभागी हो कष्टों में, जो हैं पीड़ित जन l
सब में हो सदभाव, साधना ऐसी करिये,
तभी आपको हो सकता है, उसका दर्शन l
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