नारी
लज्जा,शील,सनेह, यही तो नारी के आभूषण,
निज का जो व्यक्तित्व, सदा से ही है दर्पण l
चन्चल और चपलता को उन्माद कहा है
सहज सरलता प्रेम रहा उसका आकर्षण l
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