सदा सत्य ही कहो, यही तो रहा धर्म है,
अग्रज का अनुशरण बताया गया कर्म है l
पर निन्दा करने से पाहिले तनिक विचारो,
शब्दों को तोलो फिर बोलो यही मर्म है l
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