Sunday, 18 June 2023

अकर्मण्य  जो  भी  होते हैं ,उनको विपदाओं ने घेरा,

मुर्गा होता नहीं  गाँव में, तो  क्या  होता नहीं सबेरा l

कर्म प्रधान मानते जो भी, वे ही लक्ष्य प्राप्त कर पाते,

       भाग्य भरोसे जो  भी  रहते, उनका जीवन रहा अँधेरा l 

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