पौरुष शक्ति समर्थ जो,क्षमा शोभती पास,
निर्धन हो पर दान दे ,ईश्वर का वह ख़ास l
सदा ऐक रस ही रहे, भय हो या फिर प्यार,
हानि, लाभ, जीवन,मरण, सब उसके अनुसार l
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