Sunday, 3 December 2023

                                                                           जीवन

जन्म तिथि ३दिसम्बर १९३६

जीवन का पल पल अब बीत रहा,

यह घट भी धीरे से रीत रहा |

जीवन में क्या मैंने पाया है,

सच पूँछो मधुमय संगीत रहा |

बचपन में न्यारा संसार रहा,

सबका ही लाड प्यार,स्नेह रहा |

सबसे आशीष वचन पाया था,

सच में  वह मेरा  नवनीत रहा |

खुली सी किताब रही बचपन की,

बांची पर किसने इस यौवन की |

बदली तो घिरती थी घुमड़ घुमड़,

बिन बरसे  रीत गईं  सावन की |

यौवन ने  जीवन  में  दर्द सहा,

सुख, दुख में सांझा व्यवहार रहा |

अनगिनते कामों  का  बोझ रहा,

संग  मगर  मेरे  मनमीत  रहा |

लोगों  ने  चाहा  मैं  मिट जाँऊ,

भँवर  में  किनारा  कैसे  पाँऊ |

मन्जिल थी  दूर मगर जाना था,

अपना  उद्देश्य  मुझे  पाना था |

उलझ  रहे  प्रश्नों  ने  घेर लिया,

अन्तिम  लड़ाई,  पर   जीत  रहा |

 

अब तो  सन्नाटा है  जीवन में,

फिर भी उत्साह भरूं जन जन में,

जीवन  में  बहुत   दूर जाना है,

शेष जो, सफलता  को  पाना है |

दूर  हुईं,   मेरी  कठनाईयां,

लगता है मेरा मन जीत रहा |

अभिलाषा  उससे बस  मिलने की,

कमल दल सौन्दर्य रूप खिलने की |

सोचा  है  अपना  सब  खो  जाँऊ,

अपने  आराध्य  को  मैं  पा जांऊ |

पूरी  कब  होती  हैं  इच्छायें,

अनसुलझे प्रश्न सा अतीत रहा |

तन का यह पंछी कब उड़ जाये,

जानेगा कौन? क्या  पकड़ पाये ?

भौतिक  इच्छायें, सब  पूरी  हैं,

साध  नहीं  कोई  जो  अधूरी है |

चढ़ लीं हैं मैंने सब ऊँचाईयां,

साथी बस, मेरा तो गीत रहा |

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