शील प्रमुख संसार में, रक्खें हम सामर्थ,
शील नष्ट यदि हो गया, जीवन का क्या अर्थ l
उसे ढूढने के लिए, पढ़े अनेकों ग्रन्थ,
उससे मिलना सुलभ है, कोई भी हो पन्थ l
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