उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
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हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
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हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
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हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
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हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
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हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
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|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
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उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
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|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
भाव जतायें |
उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
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हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
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उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
क्यों ?नीचे को देखें, फिर मन को समझायें
|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
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हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
सन्तोषी रह, अहंकार तज, आदर
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उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
ऊपर
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|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
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|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
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उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
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|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
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उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
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|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
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उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
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|
हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
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उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
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उसने जो कुछ दिया, बहुत है, बस उसके गुण गायें,
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हमसे जो भी गुणी, योग्य हैं, उनसे ही कुछ सीखें,
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