श्रम की खाद जहाँ खेतों में, और वहाँ अनुभव का पानी,
सीख बड़ों से हमको मिलती, सिरोधार्य हो उनकी वाणी |
मौसम हो अनुकूल हमारे, प्रभु की कृपा सदैव रहे यदि,
स्वच्छ विचारों के बीजों से, फसल उगेगी बहुत सुहानी |
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