धर्म,
जाति को छोड़ कर, हो कर हम निर्भीक,
वर्गवाद,
भाषा नहीं, छोड़े
सारी लीक.
निर्वाचन में हम करें, शान्ति पूर्ण मतदान,
गरिमा अक्षणु देश की, परम्परा को मान.
करना है
मतदान को, छोड़ जरूरी काम.
यह भी आवश्यक बहुत, लोकतन्त्र के नाम.
कितनी भी कठनाई
हो, मिले नहीं आराम,
चुनना प्रतिनिधि है हमें, लें धीरज से काम.
बार बार समझा रहे, यह पुनीत का काम,
हम विवेक से काम लें, होगा जग में नाम.
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