राजा को अभिमान यदि, ज्ञानी को यदि मान,
हो प्रसिद्धि ऐश्वर्य से, जग में कवि का मान.
कवि का यदि स्तर गिरा, घट जाता सम्मान,
मात्र प्रशंसा से नहीं, हो
सकता कल्याण.
विट, नट, गायक चाह में, जाते राजा द्वार,
समुचित आमन्त्रण मिले, कवि तब करे विचार. (विट=लम्पटी )
विषय भोग छोड़ें सभी, जो करते उपयोग,
इसे जानते हैं
सभी, किसे दोष दें लोग.
घर
के भीतर बैठकर, व्यर्थ मचाते शोर,
इस पर मंथन तो करो, भारत क्यों कमजोर
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