वैसे तो सब काम से, जग में पाते मान,
जिसे भरोसा राम का, बने अलग पहिचान l
राम कृपा सब पर रही, सब पर सहज सनेह,
मानो
यदि विश्वास तो, दोड़े
आते गेह l
दु:ख सभी हरते वही, मन मत करो उदास,
सुख देते
हैं रामजी, रखो हृदय विश्वास l
लीला सब प्रभु राम की,रहो राम में लीन,
आश्रय पाओ राम का, सदा रहो तल्लीन l
राक्षस
कुल का नाश कर, विजयी हुये थे राम,
अहंकार जिसने
किया, उसको लगा विराम l
वैसे तो सब काम से, जग में पाते मान,
जिसे भरोसा राम का, बने अलग पहिचान l
राम कृपा सब पर रही, सब पर सहज सनेह,
मानो
यदि विश्वास तो, दोड़े
आते गेह l
दु:ख सभी हरते वही, मन मत करो उदास,
सुख देते
हैं रामजी, रखो हृदय विश्वास l
लीला सब प्रभु राम की,रहो राम में लीन,
आश्रय पाओ राम का, सदा रहो तल्लीन l
राक्षस
कुल का नाश कर, विजयी हुये थे राम,
अहंकार जिसने
किया, उसको लगा विराम l
No comments:
Post a Comment