Friday, 23 December 2022

 राजनीति अब दे  रही, केवल  यह संदेश,

     समय देख कर आप भी, बदलें अपना वेश.

कुछ चुनाव को जीतते,घर घर बाँटें नोट,

चरण वन्दना तक करें, तब पाते वे वोट.

   कुछ का धन्धा चमकता, कुछ हो जाते फेल,

   अपना अपना भाग्य है, कुछ विधना का खेल.

राजनीति के खेल में, स्वयं करो अनुमान,

कितना इसमें नफा है, कितना है नुकसान.

     जनता तुमसे है बड़ी, समझो तो सम्मान,

     अगर अहं जागा कभी, मानो  झूठी शान.

 

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