एक सच्ची घटना को आधार बनाकर लिखा गया यह नाटक युवा वर्ग को दिशा देता है l व्यक्ति में इच्छा शक्ति और मन में संकल्प प्रगति में सीढियाँ चढ़ने के लिए पर्याप्त है l
अभिलाषा बलवती अगर है , संग में इच्छा शक्ति परिश्रम,
लक्ष्य सामने , सतत ध्यान में हट जाते हैं सब बाधा क्रम l
जो धुन के पक्के होते हैं, वे विश्राम कहाँ करते हैं ,
एक लक्ष्य जो है निर्धारित, सोपानी क्रम से चढ़ते हैं l
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