Dr. Hari Mohan Gupta
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Thursday, 31 May 2018
जब हम रंग मंच पर जाते.
पहली बार पाँव
कँपते
हैं, जब
हम रंग मन्च
पर जाते,
किन्तु सतत अभ्यासी बन जो, कला मन्च का धर्म निभाते l
द्दढता,
साहस,
सदाचरण से, तन मन उत्साहित हो जाता,
जीवन
में
निर्भीक
रहे
जो, सदा सफलता
वे
नर पाते l
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