नारी उत्पीड़न बढ़ा, करिये तनिक विचार,
रोग कठिन अब हो रहा, ढूढ़े कुछ उपचार.
नियम, कायदे बाद में, स्वयं संवारें आप,
बलात्कार अपराध है, सोचो यह है पाप.
बलात्कार या अपहरण, होता जाता आम,
मर्यादा सब टूटती, क्या सुबह क्या शाम.
रोग कठिन अब हो रहा, ढूढ़े कुछ उपचार.
नियम, कायदे बाद में, स्वयं संवारें आप,
बलात्कार अपराध है, सोचो यह है पाप.
बलात्कार या अपहरण, होता जाता आम,
मर्यादा सब टूटती, क्या सुबह क्या शाम.
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