सत्यं शिवं सुन्दरम
की गूंजी है वाणी,
सत्यमेव
जयते की हमने पढ़ी
कहानी,
ऐक झूठ सौ बार कहें क्या सच हो सकता,
सच तो सच
है, यही बात जानी पहिचानी l
मन में बस जाग्रत करना है,उच्च भावना,
कठिन परिश्रम से ही मिलती है सराहना |
उसके संग संग ईश कृपा भी है आवश्यक,
सदा तपस्या से ही
होती पूर्ण साधना |
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