आओ करें सँगठन मारें अहंकार का रावण,
और भयातुर कंस मार कर ढूढें उसका कारण.
यहाँ पनपती ,हिंसा, चोरी, असत भावना निशदिन,
मिलकर उसको रोक सकें तो तभी शान्ति संचारण
डा0 हरिमोहन गुप्त .
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