साहस,शौर्य देखतें हैं जब,
शीत वायु के लगें थपेड़े,
अडिग और द्दढता के बल पर,
नई रोशनी सदा बिखेरे l
संकल्प शक्ति,उद्देश्य और,-
विश्वास सभी तुमसे परिभाषित,
जलते रहना काम तुम्हारा,
इसमें ही सच्चा समाज हित l
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अग्नि रूप, उर्जा उत्प्रेरक,
गतिमय हो ऐसा आकर्षण,
दिव्य ज्योति तुमसे आलोकित,
भूले,भटकों का पथ दर्शन l
सदा ऊर्धगामी ही रहना,
सब हो जायेंगे आकर्षित,
उन्नति पथ पर बढो सदा तुम,
इसको ही करते हो इंगित l
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