Wednesday 26 October 2022

 

साहस,शौर्य देखतें हैं जब,

शीत वायु के लगें थपेड़े,

अडिग और द्दढता  के बल पर,

नई रोशनी सदा बिखेरे l

संकल्प शक्ति,उद्देश्य और,-

विश्वास सभी तुमसे परिभाषित,

जलते रहना काम तुम्हारा,

इसमें ही सच्चा समाज हित l

===========

 

 

अग्नि रूप, उर्जा उत्प्रेरक,

गतिमय हो ऐसा आकर्षण,

दिव्य ज्योति तुमसे आलोकित,

भूले,भटकों का पथ दर्शन l

सदा ऊर्धगामी ही रहना,

सब हो जायेंगे आकर्षित,

उन्नति पथ पर बढो सदा तुम,

इसको ही करते हो इंगित l

 

 

 

 

 

No comments:

Post a Comment